किसी समान्तर पट्टिका संधारित्र, जिसमें माध्यम के रूप में वायु भरी है, की धारिता $6\, \mu F$ है। कोई परावैधुत माध्यम भरने पर इसकी धारिता $30\, \mu F$ हो जाती है। इस माध्यम का परावैधुतांक .......... $C ^{2} N ^{-1} m ^{-2}$ है।
$\left(\epsilon_{0}=8.85 \times 10^{-12} \,C ^{2} \,N ^{-1}\, m ^{-2}\right)$
$5.00$
$0.44 \times 10^{-13}$
$1.77 \times 10^{-12}$
$0.44 \times 10^{-10}$
$A$ संधारित्र की धारिता $15$ परावैद्युतांक वाले माध्यम की उपस्थिति में $15\,\mu F$ है एक अन्य संधारित्र $B$ जिसकी प्लेटों के बीच वायु है, की धारिता $1\,\mu F$ है। दोनों को अलग-अलग $100\;V$ की बैटरी से आवेशित किया जाता है। आवेशन के बाद दोनों को बिना बैटरी व परावैद्युत माध्यम निकालकर समान्तर क्रम में जोड़ा जाता है। अब उभयनिष्ठ विभव .......$V$ होगा
एक समांतर पट्न संधारित्र परावैद्युतांक $10$ वाले माध्यम द्वारा भरा जाता है, इसको एक बैटरी से जोड़कर आवेशित किया जाता है। परावैद्युत पट्टिका को परावैद्युतांक $15$ वाले दूसरे पदार्थ द्वारा प्रतिस्थापित कर दिया जाता है तो संधारित्र की ऊर्जा
एक समान्तर प्लेट संधारित्र की प्रत्येक प्लेट का क्षेत्रफल $A$ हैं और प्लेटों के बीच दूरी $d$ हैं। प्लेटों के बीच स्थान को एक परावैद्युत से भरा गया है जिसकी विद्युतशीलता एक प्लेट पर $\varepsilon_{1}$ से दूसरी प्लेट पर $\varepsilon_{2}$ तक रेखिक रूप में परिवर्तित होती है। संधारित्र की धारिता हैं :
$r$ त्रिज्या की प्लेटों को एक-दूसरे से $d$ दूरी पर रखने से निर्मित समान्तर प्लेट संधारित्र की धारिता $C$ है। यदि प्लेटों के बीच $r/2$ त्रिज्या, $d$ मोटाई तथा $6$ परावैद्युतांक वाले पदार्थ की प्लेट रख दी जावे, तो संधारित्र की धारिता होगी
यदि समान्तर प्लेट संधारित्र की प्लेटों के बीच की दूरी आधी कर दी जाये एवं परावैद्युतांक दो गुना कर दें तो धारिता हो जायेगी