अपनी निम्नतम स्थिति पर एक लोलक के गुटके की चाल $3$ मी/सैकण्ड है। लोलक की लम्बाई $0.5$ मी है। जब यह लम्बाई ऊध्र्व से $60^\circ $ का कोण बनाती है तब गुटके की चाल .... मी/सैकण्ड होगी (यदि $g = 10$ मी/सैकण्ड$^{2}$)
$3$
$0.33$
$0.5$
$2$
यदि एक सरल लोलक में गोलक का द्रव्यमान इसके मूल द्रव्यमान के तीन गुने तक बढ़ा दिया ज़ाता है तथा इसकी प्रारम्भिक लंबाई आधी कर दी जाये, तो दोलेन का नया आवर्तकाल प्रारम्भिक आवर्तकाल का $\frac{x}{2}$ गुना हो जाता है। तब $x$ का मान है:
किसी स्थान पर किसी सरल लोलक का आवर्तकाल $T _{0}$ है। यदि इस लोलक की लंबाई घटाकर इसकी मूल लंबाई की $\frac{1}{16}$ गुनी कर दी जाए, तो परिवर्तित आवर्तकाल होगा।
एक खोखले गोले को उसमें बने हुए एक छिद्र द्वारा पानी से भरा जाता है। तत्पश्चात् उसे एक लम्बे धागे द्वारा लटकाकर दोलायमान किया जाता है। जब तल में स्थित छिद्र से पानी धीरे-धीरे बाहर निकलता है, तो गोले का दोलनकाल
एक चिम्पांजी किसी झूले पर बैठा हुआ झूल रहा है। यह अचानक झूले पर खड़ा हो जाता है तब आवर्तकाल
$0.5$ मी. तथा $2.0$ मी. लम्बाई के दो सरल लोलकों को एक ही दिशा में एक साथ अल्प रेखीय विस्थापन दिया जाता है। वे पुन: समान कला में तब होंगे जब छोटा लोलक दोलन पूरे कर लेगा