एक रेडियोएक्टिव नाभिक- $A$ जिसकी अर्द्ध -आयु $T$ है, का क्षय एक नाभिक- $B$ में होता है। समय $t=0$ पर कोई भी नाभिक- $B$ नहीं है। एक समय $t$ पर नाभिकों $B$ तथा $A$ की संख्या का अनुपात $0.3$ है तो $t$ का मान होगा:

  • [JEE MAIN 2017]
  • A

    $t $ = $\frac{T}{2}\;\frac{{\log 2}}{{\log 1.3}}$

  • B

    $t$ = $T$$\;\frac{{\log 1.3}}{{\log 2}}$

  • C

    $t=T$ $ log(1.3)$

  • D

    $t$ = $\frac{T}{{{\rm{log}}\left( {1.3} \right)}}\;$

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एक नाभिकीय प्रयोगशाला में दुर्घटना की वजह से रेडियोएक्टिव पदार्थ की कुछ मात्रा जमा हो गयी, जिसकी अर्धयु $18$ दिनों की है। परीक्षण से पता चला कि प्रयोगशाला में विकिरण का स्तर सुरक्षित स्तर से $64$ गुणा ज्यादा था। न्यूनतम कितने दिनों के बाद प्रयोगशाला काम करने के लिए सुरक्षित होगी?

  • [IIT 2016]

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किसी रेडियोएक्टिव नाभिक की अर्ध-आयु $50$ दिन है तो, इसके $\frac{2}{3}$ भाग के क्षयित होने के समय $t_{2}$ तथा $\frac{1}{3}$ भाग के क्षयित होने के समय $t_{1}$ का समय अन्तराल $\left(t_{2}-t_{1}\right)$ ........... दिन होगा:

  • [AIPMT 2012]

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