एक रेडियोधर्मी नमूना क्षय हो रहा है जिसकी औसत आयु $30 \;ms$ है। एक संधारित्र की धारिता $200 \mu F$ है। पहले इसे आवेशित किया गया है और बाद में $'R'$ प्रतिरोध से जोड़ा गया है। यदि समय के सापेक्ष संधारित्र पर आवेश की मात्रा और रेडियोधर्मी पदार्थ की सक्रियता का अनुपात स्थिर है तो $'R'$ का मान $\Omega$ होगा।
$100$
$200$
$150$
$250$
$\frac{3}{4}$ सैकेण्ड में एक रेडियोधर्मी प्रतिदर्श के $\frac{3}{4}$ सक्रिय नाभिक विघटित हो जाते हैं, तो प्रतिदर्श की अर्द्धआयु है
एक रेडियोसक्रिय पदार्थ की सक्रियता $9$ वर्ष पश्चात् अपनी प्रारम्भिक सक्रियता ${R_0}$ की एक तिहाई रह जाती है अगले $9$ वर्ष बाद इसकी सक्रियता हो जायेगी
तीन रेडियोधर्मी पदार्थो $A , B$ तथा $C$ की सक्रियता को दिये गये चित्र में क्रमश : वक्र $A , B$ तथा $C$ से दिखाया गया है। इन पदार्थो की अर्ध आयुओं का अनुपात, $T _{\frac{1}{2}}( A ): T _{\frac{1}{2}}( B ): T _{\frac{1}{2}}( C )$, होगा :
इलेक्ट्रॉन तथा पॅाजीट्रॉन का विराम द्रव्यमान $0.51\,MeV$ है। जब एक इलेक्ट्रॉन तथा पॉजीट्रॉन विलोपित होते हैं तो वे गामा किरणें उत्पé करते हैं। इनकी तरंगदैध्र्य है
चित्र में $X-$ समय को एवं $Y$ एक रेडियोसक्रिय पदार्थ की सक्रियता को प्रदर्शित करते हैं। तब एक नमूने की सक्रियता किस वक्र के अनुरूप परिवर्ती है