एक $\alpha$- उत्सर्जक एवं अर्द्ध-आयु $138.6$ दिन वाले एक रेडियोसक्रिय पदार्थ को एक छात्र प्रेक्षित करने पर देखता है कि इसके विघटन की दर $2000$ विघटन/सैकेण्ड है, दी गई सक्रियता पर रेडियोसक्रिय नाभिकों की संख्या है
$3.45 × 10^{10}$
$1 ×10^{10}$
$3.45 × 10^{15}$
$2.75 × 10^{11}$
दो रेडियोएक्टव पदार्थों, $^{\prime}A^{\prime}$ तथा $^{\prime}B^{\prime}$ के क्षयांक क्रमशः $^{\prime}8$ $\lambda^{\prime}$ तथा $^{\prime} \lambda ^{\prime}$ हैं। प्रारंभ में दोनों के नाभिकों की संख्या समान है। कितने समय के पश्चात् पदार्थ $^{\prime} B ^{\prime}$ में नाभिकों की संख्या का $^{\prime} A ^{\prime}$ में नाभिकों की संख्या से अनुपात $\frac{1}{e}$ होगा?
$30$ मिनट अर्द्ध-आयुकाल के एक रेडियोधर्मी द्रव्य का गाइगर-मूलर $(Geiger-Muller)$ काउन्टर में काउन्ट रेट $2$ घण्टे में $5\,{s^{ - 1}}$ घट जाती है। आरम्भिक काउन्ट रेट ...........${s^{ - 1}}$ था
रेडियोसक्रिय पदार्थ के $10$ ग्राम का काउंट दर $(Count\, Rate)$ समय के साथ चित्रानुसार व्यक्त किया गया है। तो पदार्थ के क्रमश: अर्द्ध-आयु एवं प्रथम अर्द्ध-आयु काल में कुल काउंट $(Count)$ का मान लगभग होगा
रेडियोधर्मी तत्व $X$ की अर्धायु रेडियोधर्मी तत्व $Y$ की माध्य-आयु के बराबर है। प्रारम्भ में दोनों तरह के परमाणुओं की संख्या बराबर है, तब
एक रेडियोसक्रिय पदार्थ का $f$ भाग $(fraction)$ जो समय के साथ क्षय करता है, का परिवर्तन समय $t$ के सापेक्ष चित्र में दिखाया गया है। कौनसा वक्र $(Curve)$ सही परिवर्तन व्यक्त करता है