$X-$ अक्ष से $\theta$ कोण पर द्रव्यमान $m$ के एक छोटे कण को एक प्रारंभिक वेग $v_{0}$ से $x-y$ तल में प्रक्षेपित किया जाता है जैसा कि चित्र में दर्शाया गया है। समय $t<\frac{v_{0} \sin \theta}{g}$, के लिए कण का कोणीय संवेग है जहाँ $\hat{ i }$, $\hat{ j }$ और $\hat{ k },$ क्रमशः $x, y$ और $z$ अक्ष पर इकाई सदिश है।
$ - mg\,{v_0}{t^2}\,\cos \,\theta\, \hat j$
$ mg\,{v_0}t\,\cos \,\theta\, \hat k$
$ - \frac{1}{2}\,mg\,{v_0}{t^2}\,\cos \,\theta \,\hat k$
$\frac{1}{2}\,mg\,{v_0}{t^2}\,\cos \,\theta \,\hat i$
द्रव्यमान $\mathrm{m}$ वाले एक पिण्ड को धरातल से $45^{\circ}$ कोण पर चाल ' $u$ ' से प्रक्षेपित किया जाता है। उच्चतम बिन्दु पर प्रक्षेपण बिन्दु के सापेक्ष पिण्ड का कोणीय संवेग यदि $\frac{\sqrt{2} \mathrm{mu}^3}{\mathrm{Xg}}$ हो तो ' $\mathrm{X}$ ' का मान है।
$1\,kg$ के पिण्ड का स्थिति सदिश $\overrightarrow{ r }=(3 \hat{ i }-\hat{ j }) m$ है तथा इसका वेग $\overrightarrow{ v }=(3 \hat{ j }+ k ) ms ^{-1}$ है। इसके कोणीय संवेग का मान $\sqrt{ x } Nm$ है तब $x$ होगा
$m$ द्रव्यमान का एक कण किसी तल में त्रिज्या $r$ के वृत्तीय पथ पर घूम रहा है। इसका कोणीय संवेग $L$ है। कण पर लगने वाले अभिकेन्द्रीय बल का मान होगा
अनुसार निर्भर करता है जहाँ $k=1 kgs ^{-2}$ है। समय $t=0$ पर कण की स्थिति $\vec{r}=\left(\frac{1}{\sqrt{2}} \hat{i}+\sqrt{2} \hat{j}\right) m$ व इसका वेग $\vec{v}=\left(-\sqrt{2} \hat{i}+\sqrt{2} \hat{j}+\frac{2}{\pi} \hat{k}\right) m s^{-1}$ है। माना $v_x$ तथा $v_y$ क्रमशः कण के वेग के $x$ तथा $y$ घटक हैं। गुरूत्व को नगण्य मानें। $z=0.5 m$ पर $\left(x v_y-y v_x\right)$ का मान $m^2 s^{-1}$ में होगा।
कक्षीय गति में, कोणीय संवेग सदिश होगा