$'m'$ द्रव्यमान तथा $'q'$ आवेश का एक कण विभवान्तर $'V'$ से त्वरित हो रहा है, इसकी ऊर्जा है
' $m$ ' द्रव्यमान का एक गुटका प्रारम्भ में स्थिर अवस्था में एक चिकने क्षैतिज तल पर रखा है। यह $\mathrm{F}=2 \mathrm{~N}$ के बल के अधीन गति प्रारंभ करता है। इसके रेखीय गति के प्रक्रम में, बल की दिशा एवं क्षेतिज के बीच का कोण $(\theta)$ (चित्र में दर्शाये अनुसार), $\theta=\mathrm{kx}$, के अनुसार परिवर्तित होता है, जहाँ $\mathrm{k}$ एक स्थिरांक है एवं $\mathrm{x}$ गुटके द्वारा चली गई इसकी प्रारंभिक स्थिति से दूरी है। गुटके की गतिज ऊर्जा का व्यंजक $\mathrm{E}=\frac{\mathrm{n}}{\mathrm{k}} \sin \theta$ होगा। $\mathrm{n}$ का मान है____________.
यदि किसी वस्तु का वेग इसके प्रारम्भिक वेग का दोगुना हो जाये, तो उसकी गतिज ऊर्जा होगी
एक भारहीन स्प्रिंग का बल-नियतांक $16 \,N/m$ है। इससे $1.0$ किग्रा द्रव्यमान का एक पिण्ड लटकाकर उसे $5$ सेमी नीचे खींचकर छोड़ दिया जाता है। निकाय (स्प्रिंग पिण्ड) की अधिकतम गतिज ऊर्जा होगी
$100$ मी/सै की चाल से गति कर रही गोली, समान मोटाई के दो गुटकों को ठीक भेदती है। यदि गोली का वेग दोगुना कर दिया जाये, तो वही गोली ऐसे कितने गुटकों को भेदने में समर्थ होगी