$900$ ग्राम द्रव्यमान के एक पत्थर को एक डोरी में बाँधकर एक ऊर्ध्वाधर $1$ मी. त्रिज्या के वृत्त में घुमाया जाता है जो $10$ चक्कर प्रति मिनट पूरे करता है तब पत्थर निम्नतम (निचले) बिन्दु पर हो तो डोरी में तनाव है: (यदि $\pi^2=9.8$ तथा $g=9.8$ मी.ससे. ${ }^2$ )
$97 \mathrm{~N}$
$9.8 \mathrm{~N}$
$8.82 \mathrm{~N}$
$17.8 \mathrm{~N}$
एक वस्तु नियत चाल से वृत्तीय पथ पर गति कर रही है, तो इसका
एक घड़ी में सैकण्ड की सुव की लम्बाई $1$ सेमी है। इसकी नोंक के वेग में परिवर्तन $15$ सैकण्ड में होगा
एक $L$ लम्बाई की नलिका में $M$ द्रव्यमान का असम्पीड्य द्रव भरा है तथा नली दोनों सिरों पर बन्द है। अब नली को इसके एक सिरे के सापेक्ष क्षैतिज तल में एकसमान कोणीय वेग $\omega $ से घुमाया जाता र्है, तो द्रव द्वारा दूसरे सिरे पर आरोपित बल होगा
वृत्ताकार मार्ग पर प्रति मिनट $100$ बार घूमने वाले कण का कोणीय वेग है
$160\, m$ त्रिज्या वाले वक्र मार्ग पर $400 \,m/s$ चाल से गति करती हुई रेलगाड़ी का त्वरण होगा