किसी क्षेत्र में, एकसमान विधुत और एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र एक ही दिशा के अनुदिश कार्य कर रहे हैं। यदि इस क्षेत्र में एक इलेक्ट्रॉन इस प्रकार प्रक्षेपित किया जाये कि उसके वेग की दिशा, क्षेत्रों की दिशा में हो तो इलेक्ट्रॉन :

  • [AIPMT 2011]
  • A

    अपनी गति की दिशा की दाई ओर मुड़ेगा

  • B

    अपनी गति की दिशा की बाई ओर मुड़ जायेगा।

  • C

    की चाल बढ़ जायेगी

  • D

    की चाल कम हो जायेगी

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धारायुक्त एक लम्बी परिनालिका इस प्रकार रखते हैं इसका अक्ष ऊध्र्व दिशा में है। $v$ वेग से एक प्रोटॉन परिनालिका की अक्ष पर नीचे गिर रहा है। प्रोटॉन परिनालिका मे प्रवेश करने के पश्चात्

इलेक्ट्रॉनों का एक किरण समूह परस्पर लम्बवत विद्युत ओर चुम्बकीय क्षेत्रों में से अविक्षिप्त चला जाता है। यदि विद्युत क्षेत्र को बन्द कर दिया जाये ओर चुम्बकीय क्षेत्र को अपरिवर्तित रखा जाये तो इलेक्ट्रॉनों का चलन होगा

  • [AIPMT 2007]

एक प्रोटॉन, एक इलैक्ट्रॉन और एक हीलियम नाभिक, की ऊर्जाएँ बराबर हैं। वे एक समतल में उसके लम्बवत्
चुम्बकीय क्षेत्र के कारण वृत्ताकार कक्षा में गतिशील है। यदि $r _{ p }, r _{ e }$ और $r _{ He }$ प्रोटॉन, इलैक्ट्रॉन तथा हीलियम नाभिक के वृत्ताकार पथ की त्रिज्याएँ है, तो।

  • [JEE MAIN 2019]

एक इलेक्ट्रॉन एवं एक प्रोटॉन समान संवेग से किसी एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र में अभिलम्बवत् प्रवेश करते है, तो

  • [AIEEE 2002]

एक आवेशित कण को स्थिर व समरूप विद्युत क्षेत्र एवं चुम्बकीय क्षेत्र में विराम अवस्था से स्वतंत्र किया जाता है। दोनों क्षेत्र एक दूसरे के समान्तर है। कण की गति का मार्ग है

  • [IIT 1999]