नीचे दो कथन दिए गए हैं : इनमें से एक 'अभिकथन (A)' द्वारा एवं दूसरा 'कारण (R)' द्वारा निरूपित है।
अभिकथन $(A)$ : किसी द्रव की बूँद के दोलन का आवर्तकाल, पृष्ठ तनाव $( S )$ पर निर्भर करता है। यदि द्रव का घनत्व $\rho$ एवं बूँद की त्रिज्या $r$ तो $T$ $= k \sqrt{ pr ^3 / s }$ विमाओं के अनुसार सही है। जहाँ $K$ विमाविहीन है।
कारण $(R)$ : विमीय विश्लेषण करने पर, हमें $R.H.S.$ (दाहिनी हाथ की तरफ) पर, समय की विमा से अलग विमा प्राप्त होती है।
उपरोक्त कथनों के आधार पर, नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर चुनें
$(A)$ और $( R )$ दोनों सत्य है, एवं $( R ),( A )$ की सही व्याख्या है।
$(A)$ और $( R )$ दोनों सत्य हैं, किन्तु $(R), (A)$ की सही व्याख्या नहीं है।
$( A )$ सत्य है किन्तु $( R )$ असत्य है।
$( A )$ असत्य है किन्तु $( R )$ सत्य है।
स्थितिज ऊर्जा की विमा होगी
किसी कण की समय $t$ पर स्थिति निम्न प्रकार दी गयी है $x(t) = \left( {\frac{{{v_0}}}{\alpha }} \right)\;(1 - {c^{ - \alpha \,t}})$, जहाँ ${v_0}$ एक नियतांक तथा $\alpha > 0,$ ${v_0}$ व $\alpha $ की विमायें क्रमश: हैं
यदि $\varepsilon_{0}$ निर्वात (मुक्ताकाश) की विघुतशीलता हो तथा $E$ वैघुत क्षेत्र हो तो, $\frac{1}{2} \varepsilon_{0} E^{2}$ की विमा होगी
इकाइयों की दो पद्धतियों $1$ व $2$ में वेग $(v)$ तथा त्वरण $(a)$ क्रमश: $v _2=\frac{ n }{ m ^2} v _1$ एवं $a _2=\frac{ a _1}{ mn }$ के अनुसार संबंधित है। यहाँ $m$ तथा $n$ नियतांक हैं तो दूरी तथा समय हेतु दोनों पद्धतियों में क्रमश: संबंध है
कोणीय वेग का विमीय सूत्र है