यदि $e _{1}$ तथा $e _{2}$ क्रमशः दीर्घवृत्त $\frac{ x ^{2}}{18}+\frac{ y ^{2}}{4}=1$ तथा अतिपरवलय $\frac{x^{2}}{9}-\frac{y^{2}}{4}=1$ की उत्केंद्रताएँ है तथा $\left( e _{1}, e _{2}\right)$ दीर्घवृत्त $15 x ^{2}+3 y ^{2}= k$ पर स्थित एक बिन्दु है, तो $k$ का मान है
$15$
$14$
$17$
$16$
वक्र ${x^2} - {y^2} = 1$ की उत्केन्द्रता है
यदि किसी अतिपरवलय के अनुप्रस्थ तथा संयुग्मी अक्ष क्रमश: $8$ तथा $6$ हों, तो अतिपरवलय के किसी बिन्दु की नाभीय दूरियों का अन्तर होगा
अतिपरवलय ${x^2} - {y^2} = 25$ की उत्केन्द्रता है
माना दीर्घवृत्त $\frac{x^2}{16}+\frac{y^2}{7}=1$ तथा अतिपरवलय $\frac{x^2}{144}-\frac{y^2}{\alpha}=\frac{1}{25}$ की नाभियाँ सम्पाती हैं। तो अतिपरवलय के नाभिलंब जीवा की लंबाई है :
अतिपरवलय $3{x^2} - 2{y^2} + 4x - 6y = 0$ की जीवाओं जो कि $y = 2x$ के समान्तर हैं, के मध्य बिन्दुओं का बिन्दुपथ है