यदि लम्बाई की विमायें ${G^x}{c^y}{h^z}$ से प्रदर्शित की जाती हैं, जहाँ $G,\,c$ और $h$ क्रमश: सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण नियतांक, प्रकाश का वेग और प्लांक नियतांक हैं, तो
$x = \frac{1}{2},\,\,y = \frac{1}{2}$
$x = \frac{1}{2},\,\,z = \frac{1}{2}$
$y = - \frac{3}{2},\,\,z = \frac{1}{2}$
(b) तथा (c) दोनो
यदि संवेग $[ P ]$, क्षेत्रफल $[ A ]$ एवं समय $[ T ]$ का प्रयोग मूलभूत राशियों की तरह किया जाए, तो श्यानता गुणांक का विमीय सूत्र होगा :
यदि $E , L , M$ तथा $G$ क्रमशः ऊर्जा, कोणीय संवेग, द्रव्यमान तथा गुरूत्वाकर्षण नियतांक को प्रदर्शित करते हों, तो सूत्र $P = EL ^{2} M ^{-5} G ^{-2}$ में $P$ की विमा होगी।
मात्रकों की किसी पद्धति में यदि बल $(F)$, त्वरण $(a)$ एवं समय $(T) $ को मूल मात्रक माना जाये तो ऊर्जा का विमीय-सूत्र होगा
स्टीफेन-बोल्ट्ज़मैन नियतांक $\sigma$ की विमा को प्लांक स्थिरांक $h$, बोल्ट्ऱ्मैन नियतांक $k_B$ एवं प्रकाश की चाल ' $c$ ' के माध्यम से $\sigma=h^\alpha k_B{ }^\beta c^\gamma$ के रूप में व्यक्त किया जा सकता है। यहाँ