सूत्र $X = 3Y{Z^2}$ में $X$ और $Z$ क्रमश: धारिता और चुम्बकीय क्षेत्र की विमायें हैं। $MKSQ$ पद्धति में $Y$ की विमायें हैं
$\left[M^{-3} L^{-2} T^{4} Q^{4}\right]$
$\left[M L^{2} T^{8} Q^{4}\right]$
$\left[M^{-2} L^{-3} T^{2} Q^{4}\right]$
$\left[M^{-2} L^{-2} T Q^{2}\right]$
समतलीय कोण एवं घन कोण में होता है :
बल आघूर्ण का विमीय सूत्र है
विभानतार $V$, विधुत धारा $I$, पराविधुतांक $\varepsilon_0$, पारगम्यता $\mu_0$ तथा प्रकाश की चाल $c$ को मिलाकर विमीय रूप से सही विकल्प है (हैं)
$(A)$ $\mu_0 I ^2=\varepsilon_0 V ^2$ $(B)$ $\varepsilon_0 I =\mu_0 V$ $(C)$ $I =\varepsilon_0 cV$ $(D)$ $\mu_0 cI =\varepsilon_0 V$
किसी प्ररूपी दहन इंजन में किसी गैस के अणु द्वारा किए गए कार्य को $W =\alpha^{2} \beta e ^{\frac{-\beta x ^{2}}{ kT }}$ द्वारा निरूपित किया गया है, यहाँ $x$ विस्थापन, $k$ बोल्ट्जमान नियतांक तथा $T$ ताप है। यदि $\alpha$ और $\beta$ स्थिरांक हैं, तो $\alpha$ की विमाएँ होगी।