यदि एक दीर्घवृत्त की नाभिलम्ब जीवा के एक किनारे पर अभिलम्ब लघु अक्ष के एक शीर्ष से होकर जाता है, तो दीर्घवृत्त की उत्केन्द्रता $e$ सन्तुष्ट करती है
$e ^{2}+2 e -1=0$
$e ^{2}+ e -1=0$
$e ^{4}+2 e ^{2}-1=0$
$e ^{4}+ e ^{2}-1=0$
दीर्घवृत्त का समीकरण जिसकी उत्केन्द्रता $\frac{1}{2}$ तथा नाभियाँ $( \pm {\rm{ }}1,\;0)$ हैं, है
दीर्घवृत्त में नाभियों और शीर्षों के निर्देशांक, दीर्घ और लघु अक्ष की लंबाइयाँ, उत्केंद्रता तथा नाभिलंब जीवा की लंबाई ज्ञात कीजिए
$4 x ^{2}+9 y ^{2}=36$
$c$ के उन मानों की संख्या, जिनके लिये सरल रेखा $y = 4x + c$ वक्र $\frac{{{x^2}}}{4} + {y^2} = 1$ को स्पर्श करती है, है
एक दीर्घवृत्त, जिसका केंद्र मूल बिंदु पर है तथा दीर्घ अक्ष $x$-अक्ष की दिशा में है, पर विचार कीजिए। यदि उसकी उत्केन्द्रता $\frac{3}{5}$ तथा नाभियों के बीच की दूरी $6$ है, तो उस चतुर्भुज, जो दीर्घवृत्त के अन्तर्गत बनाई गई है तथा जिसके शीर्ष, दीर्घवृत्त के शीर्षों पर हैं, का क्षेत्रफल (वर्ग इकाइयों में) है
दीर्घवृत्त $\frac{{{{(x - 1)}^2}}}{9} + \frac{{{{(y + 1)}^2}}}{{25}} = 1$ की उत्केन्द्रता है