यदि एक दीर्घवृत्त की नाभिलम्ब जीवा के एक किनारे पर अभिलम्ब लघु अक्ष के एक शीर्ष से होकर जाता है, तो दीर्घवृत्त की उत्केन्द्रता $e$ सन्तुष्ट करती है
$e ^{2}+2 e -1=0$
$e ^{2}+ e -1=0$
$e ^{4}+2 e ^{2}-1=0$
$e ^{4}+ e ^{2}-1=0$
माना त्रिज्या $4$ का एक वृत्त तथा दीर्घवृत्त $15 \mathrm{x}^2+19 \mathrm{y}^2=285$ संकेन्द्री है, तो उभयनिष्ठ स्पर्श रेखाएँ दीर्घवृत्त के लघु अक्ष से कौन सा कोण बनाती है?ined to the minor axis of the ellipse at the angle.
मूल अक्षों के सापेक्ष दीर्घवृत्त जिसकी नाभिलम्ब $8$ है और जिसकी उत्केन्द्रता $\frac{1}{{\sqrt 2 }}$है, का समीकरण होगा
दीर्घवृत्त का समीकरण जिसकी उत्केन्द्रता $\frac{1}{2}$ तथा नाभियाँ $( \pm {\rm{ }}1,\;0)$ हैं, है
यदि दीर्घवृत्त $25 x ^2+4 y ^2=1$ पर स्थित बिन्दु $(\alpha, \beta)$ से परवलय $y ^2=4 x$ पर दो स्पर्श रेखायें इस प्रकार खींची जाती है कि एक स्पर्श रेखा की प्रवणता, दूसरी स्पर्श रेखा की प्रवणता की चार गुना है, तो $(10 \alpha+5)^2+\left(16 \beta^2+50\right)^2$ का मान
आयत $R$ जिसकी भुजायें निर्देशांक अक्षों के समान्तर है के अन्दर दीर्घवत्त $E_1: \frac{x^2}{9}+\frac{y^2}{4}=1$ को उत्कीर्णित (inscribe) किया गया है। एक अन्य दीर्घवत्त $E _2$ जो बिन्दु $(0,4)$ से गुजरता है और आयत $R$ को परिगत (circumscribe) करता है, की उत्केन्द्रता (eccentricity) निम्न है