यदि किसी श्रेणी के प्रथम $n$ पदों का योगफल $5{n^2} + 2n$ हो, तो उसका द्वितीय पद है|
$7$
$17$
$24$
$42$
यदि एक समांतर श्रेढ़ी का प्रथम पद $3$ है तथा इसके प्रथम $25$ पदों का योग, इसके अगले $15$ पदों के योग के बराबर है, तो इस समांतर श्रेढ़ी का सार्वअंतर है
यदि एक समान्तर श्रेणी का $10^{\text {th }}$ वां पद $\frac{1}{20}$ है तथा इसका $20^{\text {th }}$ वां पद $\frac{1}{10}$ है, तो इसके प्रथम $200$ पदों का योग है
यदि $A =\left\{1, a _1, a _2 \ldots \ldots a _{18}, 77\right\}$ पूर्णांको का एक समुच्चय है जिसमें $1 < a _1 < a _2 < \ldots . . < a _{18} < 77$ है। माना समुच्चय $A + A =\{ x + y : x , y \in A \}$ में ठीक $39$ अवयव है। तब $a_1+a_2+\ldots . .+a_{18}$ का मान होगा
यदि एक समान्तर श्रेढ़ी के प्रथम तीन पदों का योगफल तथा गुणनफल क्रमशः $33$ तथा $1155$ है, तो इसके $11$ वें पद का एक मान है
अनुक्रम $\frac{5}{{\sqrt 7 }}$, $\frac{6}{{\sqrt 7 }}$, $\sqrt 7 $....... है