किसी प्ररूपी दहन इंजन में किसी गैस के अणु द्वारा किए गए कार्य को $W =\alpha^{2} \beta e ^{\frac{-\beta x ^{2}}{ kT }}$ द्वारा निरूपित किया गया है, यहाँ $x$ विस्थापन, $k$ बोल्ट्जमान नियतांक तथा $T$ ताप है। यदि $\alpha$ और $\beta$ स्थिरांक हैं, तो $\alpha$ की विमाएँ होगी।
$\left[ MLT ^{-2}\right]$
$\left[ M ^{0} LT ^{0}\right]$
$\left[ M ^{2} LT ^{-2}\right]$
$\left[ MLT ^{-1}\right]$
चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता की विमायें हैं
यदि इलेक्ट्रॉन-आवेश $e$, इलेक्ट्रॉन-द्रव्यमान $m$, निर्वात् में प्रकाश के वेग $c$ तथा प्लाँक स्थिरांक $h$, को मूल राशियाँ मान लिया जाय तो, निर्वात् की चुम्बकशीलता $\mu_{0}$ का मात्रक होगा :
निम्न में से कौन सी राशि विमाहीन है
बरनौली प्रमेय के अनुसार $P + \frac{1}{2}\rho {V^2} + \rho gh = K$ (नियतांक) $K/P$ की विमाऐं निम्न में से किसके समान होगी
$r$ त्रिज्या एवं $l$ लम्बाई की एक नली जिसके सिरे पर दाबान्तर $p$ है, से $\eta $ श्यानता का द्रव बह रहा है, तब प्रति सैकण्ड बहने वाले द्रव के आयतन $V$ के लिये विमीय रुप के संगत सम्बन्ध है