माना दीर्घवत्त $\frac{ x ^{2}}{9}+\frac{ y ^{2}}{1}=1$ तथा वत्त $x ^{2}+ y ^{2}=3$ के प्रथम चतुर्थाश में प्रतिच्छेदन बिन्दु पर स्पर्श रेखाओं के बीच न्यून कोण $\theta$ है। तब $\tan \theta$ बराबर है
$\frac{5}{2 \sqrt{3}}$
$\frac{2}{\sqrt{3}}$
$\frac{4}{\sqrt{3}}$
$2$
दीर्घवृत्त $9{x^2} + 5{y^2} - 30y = 0$ के दीर्घ अक्ष के सिरों पर खींची गई स्पर्श रेखाओं के समीकरण हैं
उस दीर्घवृत्त का समीकरण जिसकी नाभियाँ $( \pm 2,\;0)$ तथा उत्केन्द्रता $\frac{1}{2}$है, होगा
यदि दीर्घवृत्त की नाभियाँ $( \pm \sqrt 5 ,\,0)$ तथा उत्केन्द्रता $\frac{{\sqrt 5 }}{3}$ है, तब दीर्घवृत्त का समीकरण है
एक बिन्दु इस प्रकार गमन करता है कि उसकी बिन्दु $(-2, 0)$ से दूरी रेखा $x = - \frac{9}{2}$ से दूरी की $\frac{2}{3}$ गुनी है तो उसका बिन्दुपथ होगा
दीर्घवृत्त में नाभियों और शीर्षों के निर्देशांक, दीर्घ और लघु अक्ष की लंबाइयाँ, उत्केंद्रता तथा नाभिलंब जीवा की लंबाई ज्ञात कीजिए
$\frac{x^{2}}{25}+\frac{y^{2}}{100}=1$