मान लें $\frac{x^2}{a^2}+\frac{y^2}{b^2}=1(b < a)$ एक दीर्घवृत्त है जिसका दीर्घ अक्ष $A B$ एवं लघु अक्ष $C D$ है. मान लें कि $F_1$ एवं $F_2$ इसकी दो नाभियाँ हैं. खंड $A B$ में $A, F_1, F_2, B$ क्रम में हैं. मान लें $\angle F_1 C B=90^{\circ}$, दीर्घवृत्त की उत्केन्द्रता है.
$\frac{\sqrt{3}-1}{2}$
$\frac{1}{\sqrt{3}}$
$\frac{\sqrt{5}-1}{2}$
$\frac{1}{\sqrt{5}}$
यदि $\theta $ तथा $\phi $, दीर्घवृत्त $\frac{{{x^2}}}{{{a^2}}} + \frac{{{y^2}}}{{{b^2}}} = 1$ के संयुग्मी व्यासों के सिरों के उत्केन्द्र कोण हैं, तो $\theta - \phi $ बराबर होगा
माना दीर्घवत्त $\frac{ x ^{2}}{9}+\frac{ y ^{2}}{1}=1$ तथा वत्त $x ^{2}+ y ^{2}=3$ के प्रथम चतुर्थाश में प्रतिच्छेदन बिन्दु पर स्पर्श रेखाओं के बीच न्यून कोण $\theta$ है। तब $\tan \theta$ बराबर है
बिन्दु $(4, -3)$ की दीर्घवृत्त $4{x^2} + 5{y^2} = 1$ के सापेक्ष स्थिति है
यदि दीर्घवृत्त $\frac{{{x^2}}}{{{a^2}}} + \frac{{{y^2}}}{{{b^2}}} = 1$ के किसी बिन्दु $P$ पर खींचे गये अभिलम्ब निर्देशांकों को $G$ व $g$ पर मिलते हैं, तो $PG:Pg = $
रेखा $x\cos \alpha + y\sin \alpha = p$ दीर्घवृत्त $\frac{{{x^2}}}{{{a^2}}} + \frac{{{y^2}}}{{{b^2}}} = 1$ की एक स्पर्श रेखा होगी, यदि