माना अतिपरवलय $3 \mathrm{x}^2-4 \mathrm{y}^2=36$ पर बिन्दु $\mathrm{P}\left(\mathrm{x}_0, \mathrm{y}_0\right)$, रेखा $3 \mathrm{x}+2 \mathrm{y}=1$ के निकटतम है। तो $\sqrt{2}\left(\mathrm{y}_0-\mathrm{x}_0\right)$ बराबर है:
$-3$
$9$
$-9$
$3$
प्रतिबंधों को संतुष्ट करते हुए अतिपरवलय का समीकरण ज्ञात कीजिए
नाभियाँ $(\pm 3 \sqrt{5}, 0),$ नाभिलंब जीवा की लंबाई $8$ है।
वक्र ${b^2}{x^2} - {a^2}{y^2} = {a^2}{b^2}$ के बिन्दु $(a\sec \theta ,\;b\tan \theta )$ पर अभिलम्ब का समीकरण है
अतिपरवलय $9{x^2} - 16{y^2} + 18x + 32y - 151 = 0$ का केन्द्र है
यदि अतिपरवलय $16 x ^{2}-9 y ^{2}=144$ की नियता (directrix) $5 x+9=0$ है, तो इसका संगत नाभिकेन्द्र है
यदि एक अतिपरवलय की नाभियाँ, दीर्घवृत्त $\frac{x^2}{9}+\frac{y^2}{25}=1$ की नाभियों के समान हैं तथा अतिपरवलय की उत्केन्द्रता, दीर्घवृत्त की उत्केन्द्रता का $\frac{15}{8}$ गुना है, तो अतिपरवलय पर बिन्दु $\left(\sqrt{2}, \frac{14}{3} \sqrt{\frac{2}{5}}\right)$ की छोटी नाभीय दूरी बराबर है