माना $a _1, a _2, a _3, \ldots$. धनात्मक पूर्णांकों का एक अनुक्रम समान्तर श्रेढ़ी में है जिसका सार्वअन्तर $2$ है। माना $b _1, b _2$, $b _3, \ldots$ धनात्मक पूर्णांकों का एक अनुक्रम गुणोत्तर श्रेढ़ी में है जिसका सार्वअनुपात $2$ है। यदि $a _1= b _1=c$ हो, तो $c$ के सभी संभव मानों की संख्या, जिसके लिये किसी भी धनात्मक पूर्णांक $n$ के लिये समिका

$2\left( a _1+ a _2+\ldots+ a _{ n }\right)= b _1+ b _2+\ldots . .+ b _{ n }$

सत्य हो, होगी

  • [IIT 2020]
  • A

    $1$

  • B

    $5$

  • C

    $8$

  • D

    $7$

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माना ${a_n}$ धनात्मक संख्याओं की गुणोत्तर श्रेणी का $n$ वाँ पद है। माना $\sum\limits_{n = 1}^{100} {{a_{2n}}} = \alpha $ व $\sum\limits_{n = 1}^{100} {{a_{2n - 1}}} = \beta $ इस प्रकार हैं कि $\alpha \ne \beta $, तो सार्वअनुपात है

  • [IIT 1992]

 $0.5737373...... = $

एक व्यक्ति की दसवीं पीढ़ी तक पूर्वजों की संख्या कितनी होगी, जबकि उसके $2$ माता-पिता, $4$ दादा-दादी, $8$ पर दादा, पर दादी तथा आदि हैं।

किसी गुणोत्तर श्रेणी के प्रथम दो पदों का योग $1$ है तथा इस श्रेणी का प्रत्येक पद अपने पूर्व के पद का दुगना है, तो इसका प्रथम पद होगा

एक अनन्त गुणोत्तर श्रेणी का योग $\frac{4}{3}$ तथा प्रथम पद $\frac{3}{4}$ है तब सार्व-अनुपात है