एक दीर्घवत्त, $E : \frac{ x ^{2}}{ a ^{2}}+\frac{ y ^{2}}{ b ^{2}}=1, a ^{2}> b ^{2}$, बिन्दु $\left(\sqrt{\frac{3}{2}}, 1\right)$ से होकर जाता है तथा उसकी उत्केन्द्रता $\frac{1}{\sqrt{3}}$ है। यदि एक वत्त जिसका केन्द्र $E$ की नाभि $F (\alpha, 0), \alpha>0$ पर और त्रिज्या $\frac{2}{\sqrt{3}}$ है, दीर्घवत्त $E$ को दो बिन्दुओं $P$ तथा $Q$ पर काटता है, तो $PQ ^{2}$ बराबर है
$\frac{8}{3}$
$\frac{4}{3}$
$3$
$\frac{16}{3}$
यदि एक दीर्घवृत्त के नाभिलंब की लंबाई $4$ इकाई हैं तथा एक नाभि तथा दीर्घ अक्ष पर स्थित निकटतम शीर्ष के बीच की दूरी $\frac{3}{2}$ इकाई है, तो उसकी उत्केन्द्रता है
वृत ${\left( {x - 1} \right)^2} + {y^2} = 1$ के व्यास को अर्द्ध लघु अक्ष लेकर तथा वृत ${x^2} + {\left( {y - 2} \right)^2} = 4$ के एक व्यास को अर्द्ध दीर्घ अक्ष लेकर एक दीर्घ वृत्त खिंचा गया। यदि दीर्घवृत्त का केन्ट्र मूलबिन्दु पर है तथा इसके अक्ष निर्देशांक अक्ष है, तो दीर्घवृत का समीकरण है
यदि रेखा $x\cos \alpha + y\sin \alpha = p$, दीर्घवृत्त $\frac{{{x^2}}}{{{a^2}}} + \frac{{{y^2}}}{{{b^2}}} = 1$ पर अभिलम्ब है, तो
दीर्घवृत्त ${x^2} + 3{y^2} = 6$ के केन्द्र से $2$ इकाई दूरी पर दीर्घवृत्त पर स्थित किसी बिन्दु का उत्केन्द्र कोण है
आयत $R$ जिसकी भुजायें निर्देशांक अक्षों के समान्तर है के अन्दर दीर्घवत्त $E_1: \frac{x^2}{9}+\frac{y^2}{4}=1$ को उत्कीर्णित (inscribe) किया गया है। एक अन्य दीर्घवत्त $E _2$ जो बिन्दु $(0,4)$ से गुजरता है और आयत $R$ को परिगत (circumscribe) करता है, की उत्केन्द्रता (eccentricity) निम्न है