माना रेखा $5 x+7 y=50$ पर बिंदु $A(\alpha, 0)$ तथा $\mathrm{B}(0, \beta)$ हैं। माना बिंदु $\mathrm{P}$, रेखा खण्ड $\mathrm{AB}$ को अंतः $7: 3$ के अनुपात में बांटता है। माना दीर्घवृत्त $\mathrm{E}: \frac{\mathrm{x}^2}{\mathrm{a}^2}+\frac{\mathrm{y}^2}{\mathrm{~b}^2}=1$ की एक नियता $3 \mathrm{x}-25=0$ है तथा संगम नाभि $S$ है। यदि बिंदु $S$ से $\mathrm{x}$-अक्ष पर लंब, बिंदु $\mathrm{P}$ से होकर जाता है, तो $\mathrm{E}$ के नाभिलंब की लम्बाई है
$\frac{25}{3}$
$\frac{32}{9}$
$\frac{25}{9}$
$\frac{32}{5}$
यदि दीर्घवृत्त $\frac{{{x^2}}}{{{a^2}}} + \frac{{{y^2}}}{{{b^2}}} = 1$ के किसी बिन्दु $P$ पर खींचे गये अभिलम्ब निर्देशांकों को $G$ व $g$ पर मिलते हैं, तो $PG:Pg = $
दीर्घवृत्त के नाभियों के बीच की दूरी 16 तथा उत्केन्द्रता $\frac{1}{2}$ है। दीर्घवृत्त के दीर्घाक्ष की लम्बाई है
किसी दीर्घवृत्त की नाभियों के बीच की दूरी $6$ व लघुअक्ष $8$ है तो इसकी उत्केन्द्रता होगी
एक दीर्घवृत्त, जिसका केंद्र मूल बिंदु पर है तथा दीर्घ अक्ष $x$-अक्ष की दिशा में है, पर विचार कीजिए। यदि उसकी उत्केन्द्रता $\frac{3}{5}$ तथा नाभियों के बीच की दूरी $6$ है, तो उस चतुर्भुज, जो दीर्घवृत्त के अन्तर्गत बनाई गई है तथा जिसके शीर्ष, दीर्घवृत्त के शीर्षों पर हैं, का क्षेत्रफल (वर्ग इकाइयों में) है
वृत ${\left( {x - 1} \right)^2} + {y^2} = 1$ के व्यास को अर्द्ध लघु अक्ष लेकर तथा वृत ${x^2} + {\left( {y - 2} \right)^2} = 4$ के एक व्यास को अर्द्ध दीर्घ अक्ष लेकर एक दीर्घ वृत्त खिंचा गया। यदि दीर्घवृत्त का केन्ट्र मूलबिन्दु पर है तथा इसके अक्ष निर्देशांक अक्ष है, तो दीर्घवृत का समीकरण है