माना एक दीर्घवृत्त, जिसका केन्द्र $(1,0)$ पर है तथा नाभिलंब जीवा की लंबाई $\frac{1}{2}$ है, का दीर्घ अक्ष, $\mathrm{x}$-अक्ष के अनुदिश है। यदि इसका लघु अक्ष इसकी नाभि पर $60^{\circ}$ का कोण बनाता हैं, तो इसके लघु तथा दीर्घ अक्षों की लंबाईयों के योग का वर्ग बराबर है :
$9$
$8$
$7$
$6$
दीर्घवृत्त $9{x^2} + 5{y^2} = 45$ के नाभियों के बीच की दूरी है
सरल रेखा $x + 4y = 4$ का दीर्घवृत्त ${x^2} + 4{y^2} = 4$ के सापेक्ष ध्रुव है
बिन्दु $(4, -3)$ की दीर्घवृत्त $4{x^2} + 5{y^2} = 1$ के सापेक्ष स्थिति है
वक्रों $y^2=2 x$ तथा $x^2+y^2=4 x$, के बिन्दु $(2,2)$ पर स्पर्श रेखाएँ तथा रेखा $\mathrm{x}+\mathrm{y}+2=0$ एक त्रिभुज बनाती है। यदि इस त्रिभुज के परिवृत्त की त्रिज्या है तो $\mathrm{r}^2$ बराबर है___________.
दीर्घवृत्त $16{x^2} + 25{y^2} = 400$ की नियताओं के समीकरण हैं