$0.72\, m$ लंबे किसी स्टील के तार का द्रव्यमान $5.010^{-5}\, kg$ है । यद् तार पर तनाव $60 \,N$ है, तो तार पर अनुप्रस्थ तरंगों की चाल क्या है ?

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Answer Mass per unit length of the wire,

$\mu =\frac{5.0 \times 10^{-3} \,kg }{0.72 \,m }$

$=6.9 \times 10^{-3} \,kg \,m ^{-1}$

Tension, $T=60 \,N$

The speed of wave on the wire is given by

$v=\sqrt{\frac{T}{\mu}}=\sqrt{\frac{60\, N }{6.9 \times 10^{-3} \,kg \,m ^{-1}}}=93 \,m \,s ^{-1}$

Similar Questions

जब एक तने हुए स्टील के तार में तनाव $2.06 \times 10^{4} \,N$ हो तो इस पर चलने वाली एक अनुप्रस्थ तरंग की गति $v$ है। यदि तनाव का मान बदलकर $T$ कर दिया जाये तो तरंग की गति बदलकर $v / 2$ हो जाती है। $T$ का मान निम्न में से किसके निकटतम है ?

  • [JEE MAIN 2020]

दो दृढ़ टेकों के बीच तानित तार अपनी मूल विधा में $45 \,Hz$ आवृत्ति से कंपन करता है। इस तार का द्रव्यमान  $3.5 \times 10^{-2} \;kg$ तथा रैखिक द्रव्यमान घनत्व $4.0 \times 10^{-2} \;kg m ^{-1} .$ है ।

$(a)$ तार पर अनुप्रस्थ तरंग की चाल क्या है, तथा

$(b)$ तार में तनाव कितना है ?

$8.0 \times 10^{-3} \,kg m ^{-1}$ रैखिक द्रव्यमान घनत्व की किसी लंबी डोरी का एक सिरा $256\, Hz$ आवृत्ति के विध्यूत चालित स्वरित्र द्विभुज से जुड़ा है । डोरी का दूसरा सिरा किसी स्थिर घिरनी के ऊपर गुजरता हुआ किसी तुला के पलड़े से बँधा है जिस पर $90\, kg$ के बाट लटके हैं। घिरनी वाला सिरा सारी आवक कर्जा को अवशोषित कर लेता है जिसके कारण इस सिरे से परावर्तित तरंगों का आयाम नगण्य होता है । $t=0$ पर डोरी के बाएँ सिरे ( द्विभुज वाले सिरे) $x=0$ पर अनुप्रस्थ विस्थापन शून्य है ( $y=0$ ) तथा वह $y$ की धनात्मक दिशा के अनुदिश गतिशील है । तरंग का आयाम $5.0 \,cm$ है । डोरी पर इस तरंग का वर्णन करने वाले अनुप्रस्थ विस्थापन $y$ को $x$ तथा $t$ के फलन के रूप में लिखिए

दो स्पंदन (pulses) एक तनी हुयी डोरी में एक दूसरे की ओर $2.5cm/s$ की चाल से चलते हैं प्रारम्भ में इनके मध्य की दूरी  $10cm$ है। दो सैकण्ड पश्चात् डोरी की अवस्था क्या होगी

द्रव्यमान $m _{1}$ तथा लम्बाई $L$ की कोई एकसमान रस्सी किर्सी दृढ टेक से ऊर्ध्वाधर लटकी है। इस रस्री के मुक्त सिरे से द्रव्यमान $m _{2}$ का कोर्ई गुटका जुड़ा है । रस्सी के मुक्त सिरे पर तरंगदैर्ध्य $\lambda_{1}$ का कोई अनुप्रस्थ स्पन्द उत्पत्र किया जाता है। यदि रस्सी के शीर्प तक पहुँचने पर इस स्पन्द की तरंगदैर्ध्य $\lambda_{2}$ हो जाती है, तब अनुपात $\lambda_{2} / \lambda_{1}$ का मान है

  • [NEET 2016]