जब इलेक्ट्रॉन और प्रोटॉन के बीच $1.6 \,\dot{A}$ की दूरी है, तो उन दोनों के बीच अन्योन्य आकर्षण के कारण इलेक्ट्रॉन का त्वरण होता है,
$\left(m_{e} \simeq 9 \times 10^{-31}\, kg , \quad e=1.6 \times 10^{-19}\, C \right)$
(लीजिए $\left.\frac{1}{4 \pi \epsilon_{0}}=9 \times 10^{9}\, N\,m ^{2}\, C ^{-2}\right)$
$10^{25} \;m / s ^{2}$
$10^{24} \;m / s ^{2}$
$10^{23} \;m / s ^{2}$
$10^{22} \;m / s ^{2}$
$5 \times {10^{ - 11}}\,C$ एवं $ - 2.7 \times {10^{ - 11}}\,C$ के दो आवेश एक दूसरे से $0.2$ मीटर की दूरी पर स्थित हैं। इन दोनों को जोड़ने वाली रेखा पर एक तीसरा आवेश $ - 2.7 \times {10^{ - 11}}\,C$ से कितनी ......मीटर दूरी पर रखा जाये कि उस पर कार्यरत कुल बल शून्य हो
$Q$ कूलॉम का आवेश एक ठोस धातु के टुकड़े पर जिसका अनियमित आकार है, रखा हुआ है। आवेश का वितरण होगा
एक वर्ग के विपरीत कोनों में प्रत्येक पर एक आवेश $Q$ रखा है। दूसरे दो विपरीत कोनों पर आवेश $q$ रखा है। यदि $Q$ पर परिणामी विद्युत बल शून्य है, तब $\frac{Q}{q}$ का मान है।
$ABC$ एक समकोण त्रिभुज है, जिसमें $AB = 3\,$ सेमी तथा $BC = 4$ सेमी है। बिन्दु $A$, $B$ और $C$ पर क्रमश: $ + 15,\; + 12$ और $ - 20\,$ स्थिर वैद्युत मात्रक (esu) के आवेश स्थित हैं। बिन्दु $B$ पर स्थित आवेश पर लगने वाला बल.......डायन होगा
विद्युत-चुम्बकीय, वाण्डरवॉल, स्थिरवैद्युत और नाभिकीय बल, इनमें कौन-से दो बलों के कारण न्यूट्रॉनों के मध्य आकर्षण का बल रहता है