दीर्घवृत्त $\frac{{{x^2}}}{{{a^2}}} + \frac{{{y^2}}}{{{b^2}}} = 1$ व वृत्त ${x^2} + {y^2} = ab$ का प्रतिच्छेद कोण है
${\tan ^{ - 1}}\left( {\frac{{a - b}}{{ab}}} \right)$
${\tan ^{ - 1}}\left( {\frac{{a + b}}{{ab}}} \right)$
${\tan ^{ - 1}}\left( {\frac{{a + b}}{{\sqrt {ab} }}} \right)$
${\tan ^{ - 1}}\left( {\frac{{a - b}}{{\sqrt {ab} }}} \right)$
दीर्वृघत $\frac{x^{2}}{16}+\frac{y^{2}}{9}=1$ को नाभियो से होकर जाने वाले उस वृत, जिसका केन्द्र $(0,3)$ है, का समीकरण है,
दीर्घवृत्त $3{x^2} + 2{y^2} = 5$ पर बिन्दु $(1, 2)$ से डाली गयी स्पशियों के बीच का कोण होगा
यदि रेखा, $x -2 y =12$ दीर्घवृत्त, $\frac{ x ^{2}}{ a ^{2}}+\frac{ y ^{2}}{ b ^{2}}=1$ को बिन्दु $\left(3, \frac{-9}{2}\right)$ पर स्पर्श करती है, तो इसके नाभिलम्ब की लम्बाई है
आयत $R$ जिसकी भुजायें निर्देशांक अक्षों के समान्तर है के अन्दर दीर्घवत्त $E_1: \frac{x^2}{9}+\frac{y^2}{4}=1$ को उत्कीर्णित (inscribe) किया गया है। एक अन्य दीर्घवत्त $E _2$ जो बिन्दु $(0,4)$ से गुजरता है और आयत $R$ को परिगत (circumscribe) करता है, की उत्केन्द्रता (eccentricity) निम्न है
दीर्घवृत्त (ellipse)
$\frac{x^2}{4}+\frac{y^2}{3}=1$
पर विचार कीजिए। माना कि $H (\alpha, 0), 0<\alpha<2$, एक बिंदु (point) है। बिंदु $H$ से होती हुई एवं $y$-अक्ष के समांतर (parallel to the $y$-axis) एक सरल रेखा (straight line) दीर्घवृत्त एवं इसके सहवृत्त (auxiliary circle) को प्रथम चतुर्थांश (first quadrant) में क्रमशः बिंदुओं $E$ एवं $F$ पर प्रतिच्छेदित (intersect) करती है। बिंदु $E$ पर दीर्घवृत्त की स्पर्श रेखा (tangent) धनात्मक $x$-अक्ष को एक बिंदु $G$ पर प्रतिच्छेदित करती है। मान लिजिए कि $F$ एवं मूलबिंदु (origin) को जोड़ने वाली सरल रेखा, धनात्मक $x$-अक्ष के साथ एक कोण (angle) $\phi$ बनाती है।
$List-I$ | $List-II$ |
यदि $\phi=\frac{\pi}{4}$ है, तब त्रिभुज $F G H$ का क्षेत्रफल | ($P$) $\frac{(\sqrt{3}-1)^4}{8}$ |
यदि $\phi=\frac{\pi}{3}$ है, तब त्रिभुज $F G H$ का क्षेत्रफल | ($Q$) $1$ |
यदि $\phi=\frac{\pi}{6}$ है, तब त्रिभुज $F G H$ का क्षेत्रफल | ($R$) $\frac{3}{4}$ |
यदि $\phi=\frac{\pi}{12}$ है, तब त्रिभुज $F G H$ का क्षेत्रफल | ($S$) $\frac{1}{2 \sqrt{3}}$ |
($T$) $\frac{3 \sqrt{3}}{2}$ |
सही विकल्प हैं :