दीर्घवृत्त $x ^2+2 y ^2=4$ पर रिथत बिन्दुओं तथा बिन्दु $(4,3)$ को मिलाने वाले रेखाखण्ड के मध्य बिन्दु का बिन्दुपथ दीर्घवृत्त है जिसकी उत्केन्द्रता है :
$\frac{\sqrt{3}}{2}$
$\frac{1}{2 \sqrt{2}}$
$\frac{1}{\sqrt{2}}$
$\frac{1}{2}$
दीर्घवृत्त $x^{2}+4 y^{2}=4$ निर्देशक अक्षों से सरंखित एक आयत के अन्तर्गत है जो स्वयं बिन्दु $(4,0)$ से जाने वाले दूसरे दीर्घवृत्त के अन्तर्गत है। तब इस दीर्घवृत्त का समीकरण है
दीर्घवृत्त $\mathrm{E}: \frac{\mathrm{x}^2}{\mathrm{a}^2}+\frac{\mathrm{y}^2}{\mathrm{~b}^2}=1$ की नियता $\mathrm{x}=8$ है तथा संगत नाभि $(2,0)$ है। यदि प्रथम चतुर्थांश में $\mathrm{E}$ के बिन्दु $\mathrm{P}$ पर स्पर्श रेखा, बिन्दु $(0,4 \sqrt{3})$ से होकर जाती है तथा $\mathrm{x}$-अक्ष को $\mathrm{Q}$ पर काटती है, तो $(3 \mathrm{PQ})^2$ बराबर है _______________
रेखा $y = x +1$, दीर्घवृत $\frac{ x ^2}{4}+\frac{ y ^2}{2}=1$ को दो बिन्दुओं $P$ तथा $Q$ पर मिलती है। यदि $PQ$ व्यास वाले वृत की त्रिज्या $r$ हो तो $(3 r )^2$ बराबर होगा-
यदि अतिपरवलय $\frac{{{x^2}}}{{{a^2}}} - \frac{{{y^2}}}{{{b^2}}} = 1$ की द्विगुणित कोटि $PQ$ ,इस प्रकार है कि $OPQ$ एक समबाहु त्रिभुज है, जबकि $O$ अतिपरवलय का केन्द्र है, तब अतिपरवलय की उत्केन्द्रता $e$ संतुष्ट करती है
एक बिन्दु इस प्रकार गमन करता है कि उसकी बिन्दु $(-2, 0)$ से दूरी रेखा $x = - \frac{9}{2}$ से दूरी की $\frac{2}{3}$ गुनी है तो उसका बिन्दुपथ होगा