किसी कण का स्थिति सदिश $\vec r = (a\cos \omega \,t)\hat i + (a\sin \omega \,t)\hat j$ है। कण का वेग होगा

  • [AIPMT 1995]
  • A

    स्थिति सदिश के समांतर

  • B

    स्थिति सदिश के अभिलम्बवत्

  • C

    मूलबिन्दु की ओर निर्देशित

  • D

    मूलबिन्दु से दूरस्थ निर्देशित

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निम्नलिखित में से प्रत्येक कथन को ध्यानपूर्वक पढ़िए और कारण सहित बताइए कि यह सत्य है या असत्य :

$(a)$ किसी सदिश का परिमाण सदैव एक अदिश होता है,

$(b)$ किसी सदिश का प्रत्येक घटक सदैव अदिश होता है,

$(c)$ किसी कण द्वारा चली गई पथ की कुल लंबाई सदैव विस्थापन सदिश के परिमाण के बराबर होती है,

$(d)$ किसी कण की औसत चाल ( पथ तय करने में लगे समय द्वारा विभाजित कुल पथ-लंबाई) समय के समान-अंतराल में कण के औसत वेग के परिमाण से अधिक या उसके बराबर होती है ।

$(e)$ उन तीन सदिशों का योग जो एक समतल में नहीं हैं, कभी भी शून्य सदिश नहीं होता ।

एक कण मूलबिंदु से चलकर $X-Y$ तल में सरल रेखा में गति करता है |कुछ समय पश्चात इसके निर्देशांक $(\sqrt 3 ,3)$ हो जाते है| कण के पथ का $X-$ अक्ष के साथ कोण बनेगा

  • [AIPMT 2007]

एक सदिश को $3\,\hat i + \hat j + 2\,\hat k$ द्वारा प्रदर्शित किया जाता है $X-Y$ तल में उसकी लम्बाई है

सदिश $A = \hat i + \hat j$ द्वारा $x-$ अक्ष के साथ बनाया गया कोण ....... $^o$ होगा

निम्न में से अदिश राशि है