यदि प्रकाश वेग $(c)$, सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण नियतांक $[G]$, प्लांक नियतांक $[h]$ को मूल मात्रकों की तरह प्रयुक्त किया जाये तब इस नयी पद्धति में समय की विमा होगी
${G^{1/2}}{h^{1/2}}{c^{ - 5/2}}$
${G^{ - 1/2}}{h^{1/2}}{c^{1/2}}$
${G^{1/2}}{h^{1/2}}{c^{ - 3/2}}$
${G^{1/2}}{h^{1/2}}{c^{1/2}}$
श्यानता गुणांक की विमायें हैं
अनोन्य प्रेरकत्व की विमा है-
इकाई समय में $X$अक्ष के लम्बवत् एकांक क्षेत्रफल से गुजरने वाले कणों की संख्या $n = - D\frac{{({n_2} - {n_1})}}{{({x_2} - {x_1})}}$ द्वारा दी जाती है। यहाँ ${n_1}$ एवं ${n_2}$ क्रमश: ${x_1}$ एवं ${x_2}$ स्थिति में प्रति इकाई आयतन में स्थित कणों की संख्या है, तब विसरण गुणांक $D$ का विमीय सूत्र होगा
आवेश की विमा होगी
यदि वेग $v,$ त्वरण $A$ तथा बल $F$ को मूल राशियाँ मान लिया जाए, तो कोणीय संवेग का $v,\,A$ और $F$ के पदों में विमीय सूत्र होगा