रेखाओं $x + y - 4 = 0,\,$ $3x + y = 4$ तथा $x + 3y = 4$ से बना त्रिभुज है
समद्विबाहु
समबाहु
समकोण
इनमें से कोई नहीं
किसी चतुर्भुज के शीर्षों के निर्देशांक $(2, -1), (0, 2), (2, 3)$ व $(4, 0)$ हैं। इसके विकर्णों के मध्य कोण है
$L _1$ और $L _2$ द्वारा परिभाषित रेखाओं
$L _1: x \sqrt{2}+ y -1=0 \text { और } L _2: x \sqrt{2}- y +1=0$
पर विचार कीजिए। किसी नियत अचर (fixed constant) $\lambda$ के लिए, मान लीजिए कि $C$ एक बिन्दु $P$ का ऐसा बिन्दुपथ (locus) है कि $P$ से $L _1$ की दूरी और $P$ से $L _2$ की दूरी का गुणनफल $\lambda^2$ है। रेखा $y =2 x +1, C$ को दो बिन्दुओं $R$ और $S$ पर मिलती है, जहाँ $R$ और $S$ के बीच की दूरी $\sqrt{270}$ है।
मान लीजिए कि RS का लंब समद्विभाजक (perpendicular bisector), $C$ को दो भिन्न बिन्दुओं R' और $S ^{\prime}$ पर मिलता है। मान लीजिए कि $R ^{\prime}$ और $S ^{\prime}$ के बीच की दूरी के वर्ग (square of the distance) का मान $D$ है।
($1$) $\lambda^2$ का मान. . . . . है।
($2$) $D$ का मान. . . . . है।
उस बिन्दु का बिन्दुपथ जो कि सरल रेखाओं $3x + 4y - 11 = 0$ व $12x + 5y + 2 = 0$ से समान दूरी पर स्थित है एवं मूल बिन्दु के समीप है, है
यदि एक समांतर चतुर्भु ज $ABDC$ के बिन्दुओं $A , B$ तथा $C$ के निर्देशांक क्रमशः $(1,2),(3,4)$ तथा $(2,5)$ हैं, तो विकर्ण $AD$ का समीकरण है
किसी समद्विबाहु त्रिभुज के आधार के दो शीर्ष $(2a,\;0)$ व $(0,\;a)$ हैं। यदि त्रिभुज की एक भुजा $x = 2a$ है, तो दूसरी भुजा का समीकरण है