एक इलेक्ट्रॉन को दूसरे इलेक्ट्रॉन की ओर लाने पर निकाय की वैद्युत स्थितिज ऊर्जा

  • [AIPMT 1993]
  • [AIPMT 1999]
  • A

    घटती है

  • B

    बढ़ती है

  • C

    उतनी ही रहती है

  • D

    शून्य हो जाती है

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निम्न चित्र में एक बिन्दु आवेश को बिन्दु  $P$ से $A$, $B$ तथा $C$ तक लाने में कार्य क्रमश: $W_A$, $W_B$ तथा $W_c$ ,है, तब

एक इलेक्ट्रॉन विराम से $50\, V$ विभव वाले बिन्दु से $70\, V$ विभव वाले बिन्दु तक गति करता है, अंतिम अवस्था में इसकी गतिज ऊर्जा होगी

दो आवेश ${q_1}$ तथा ${q_2}$, $30\,\,cm$ दूरी पर चित्रानुसार स्थित हैं। एक तीसरे आवेश ${q_3}$ को $40\,cm$ त्रिज्या के वृत्त के चाप के अनुदिश $C$ से $D$ तक चलाया जाता है। निकाय की स्थितिज ऊर्जा में परिवर्तन $\frac{{{q_3}}}{{4\pi {\varepsilon _0}}}k$ है, यहाँ $k$ का मान है

  • [AIPMT 2005]

धन आवेश को समविभव सतह पर चलाने में किया गया कार्य है

निम्नांकित आरेख के अनुसार एक बिन्दु आवेश $ + q$  मूलबिन्दु $O$ पर स्थित है। अन्य बिन्दु आवेश $ - Q$ को बिन्दु $A$ $(0,\,a)$ से अन्य बिन्दु $B(a, 0)$ तक सरल रेखीय पथ $AB$ के अनुदिश ले जाने में किया गया कार्य है:

  • [AIPMT 2005]