विभिन्न पदार्थों के बने दो पात्र आकार तथा आकृति में बिल्कुल समान है। उनमें रखी हुयी बर्फ की समान मात्रा को पिघलने में क्रमश: $20$ तथा $40$ मिनट लगते हैं। इनके पदार्थों की ऊष्मा चालकताओं में अनुपात होगा
$5:6$
$6:5$
$3:1$
$2:1$
$60\,cm \times 50\,cm \times 20\,cm$ विमाओं वाला एक बर्फ का घनाकार टुकड़ा, $1\,cm$ मोटाई की दीवारों वाले एक कुचालक डिब्बे में रखा है। डिब्बे ने बर्फ को $0^{\circ}\,C$ तापमान पर रखा हुआ है, जिसको कमरे के तापमान $40^{\circ}\,C$ पर लाया जाता है। बर्फ के पिघलने की दर का सन्निकट मान होगा (बर्फ के संगलन की गुप्त ऊष्मा $3.4 \times 10^5\,J\,kg ^{-1}$ है, और कुचालक दीवार की ऊष्माय चालकता $0.05 Wm ^{-1 \circ} C ^{-1}$ ) है
ताँबे, पीतल एवं स्टील की तीन छड़ों को $Y-$आकार संरचना में वंल्ड किया गया हैं। प्रत्येक छड़ की अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल $4\, cm ^{2}$ है। ताँबे की छड़ के सिरे का तापमान $100^{\circ} C$ हैं जबकि पीतल एवं स्टील के सिरे $0^{\circ} C$ तापमान पर रखे गये हैं। ताँबे, पोतल एवं स्टील की छड़ों की लम्बाईयाँ क्रमश: $46, 13$ एवं $12\, cm$ हैं। छड़ों को, उनके सिरों को छोड़कर, वातावरण से ऊष्मीय रोधी किया गया है। ताँबे, पीतल एवं स्टील की ऊष्मा चालकताएँ क्रमश: $0.92,0.26$ एवं $0.12\, CGS$ इकाई हैं। ताँबे को छड़ से प्रवाहित ऊष्मा की दर ....... $cal\, s^{-1}$ है।
झील पर बनी बर्फ की होती है
एक दीवार दो परतों $A$ व $B$ से मिल कर बनी है। दोनो परतों के पदार्थ अलग-अलग हैं। दोनों की ऊष्मीय चालकताएँ क्रमश: $K_A$ व $K_B$ हैं एवं $K_A$ = 3$K_B$ दीवार के सिरों के बीच तापान्तर $20°C$ है। तापीय साम्य में,
${k_1}$ और ${k_2}$ ऊष्मा चालकता की दो दीवारें सम्पर्क में हैं तथा उनकी क्रमश: मोटाई ${d_1}$ और ${d_2}$ हैं। स्थिर अवस्था में उनके बाह्य सिरों का ताप ${T_1}$ और ${T_2}$ है, तो अन्त: सन्धि का ताप होगा