$5 \,cm$ लंबाई के छड़ चुंबक के केंद्र से $50 \,cm$ की दूरी पर स्थित बिंदु पर, विषुवतीय एवं अक्षीय स्थितियों के लिए चुंबकीय क्षेत्र का परिकलन कीजिए। छड चुंबक का चुंबकीय आघूर्ण $0.40 \,A m ^{2}$ है।
$B_{E}=\frac{\mu_{0} m}{4 \pi r^{3}}=\frac{10^{-7} \times 0.4}{(0.5)^{3}}=\frac{10^{-7} \times 0.4}{0.125}$$=3.2 \times 10^{-7} T$
$B_{A}=\frac{\mu_{0} 2 \,m}{4 \pi r^{3}}=6.4 \times 10^{-7} T$
एक चुम्बक को चार समान भागों में इस प्रकार विभाजित किया जाता है कि प्रत्येक छोटे भाग की लम्बाई एवं चौड़ाई, प्रारम्भिक मान की आधी हो जाती है तो प्रत्येक भाग का ध्रुव सामथ्र्य होगा
दो चुम्बकों को चित्रानुसार समकोण पर जोड़ा गया हैं। चुम्बक $1$ का चुम्बकीय आघूर्ण, चुम्बक $2$ के चुम्बकीय आघूर्ण का $3$ गुना है। इस व्यवस्था को इस प्रकार कीलकित किया गया है कि यह क्षैतिज तल में घूमने के लिए स्वतंत्र है। संतुलन की स्थिति में चुम्बक $ 1$ चुम्बकीय याम्योत्तर से किस कोण पर होगा
चुंबकीय द्विध्रुव के कारण इसके केन्द्र से $20 \mathrm{~cm}$ की दूरी पर इसकी अक्ष पर स्थित बिन्दु पर चुंबकीय विभव $1.5 \times 10^{-5} \mathrm{Tm}$ है। द्विध्रुव का चुंबकीय आघूर्ण. . . . . . . $\mathrm{Am}^2$ है।
(दिया है: $\frac{\mu_0}{4 \pi}=10^{-7} \mathrm{TmA}^{-1}$ )
$3.0 \,A-m^2$ चुम्बकीय आघूर्ण के एक छड़ चुम्बक को एकसमान चुम्बकीय प्रेरण $2 \times 10^{-5} \,T$ में रखा गया है। यदि चुम्बक का प्रत्येक ध्रुव $6 \times 10^{-4}\, N$ का बल अनुभव करता है तो चुम्बक की लम्बाई....$m$ है
एक छड़ चुम्बक के अन्दर चुम्बकीय बल रेखाएँ