नियत कोणीय वेग से वृत्ताकार मार्ग में गति करते किसी कण के सम्बंध में निम्न कथनों में से कौन सा कथन असत्य है
वेग सदिश वृत्त के स्पश्री होता है
त्वरण सदिश वृत्त के स्पश्री होता है
त्वरण सदिश वृत्त के केन्द्र की ओर होता है
त्वरण तथा वेग सदिश परस्पर लम्बवत् होते हैं
एक बेलनाकार पात्र आंशिक रूप से जल से भरा हुआ है। इसे इसकी ऊध्र्वाधर केन्द्रीय अक्ष के परित: घुमाया जाता है। जल की सतह
एक $L$ लम्बाई की नलिका में $M$ द्रव्यमान का असम्पीड्य द्रव भरा है तथा नली दोनों सिरों पर बन्द है। अब नली को इसके एक सिरे के सापेक्ष क्षैतिज तल में एकसमान कोणीय वेग $\omega $ से घुमाया जाता र्है, तो द्रव द्वारा दूसरे सिरे पर आरोपित बल होगा
एक गेंद $1 \,m$ त्रिज्या वाले वृत्तीय पथ पर एकसमान रूप से गतिमान है। उसकी गति का आवर्त काल $1.5 \,s$ है। यदि गेंद को अचानक $t =8.3 \,s$ पर रोक दिया जाए, तो, $t =0 \,s$ की अवस्था के सापेक्ष गेंद का विस्थापन इनमें से ............ $m$ निकटतम होगा?
वृत्ताकार मार्ग पर प्रति मिनट $100$ बार घूमने वाले कण का कोणीय वेग है
त्रिज्या $R$ वाले एक वृत्त के केंद्र पर एक कण स्थित है तथा एक दूसरा कण इसी वृत्त पर किसी बिन्दु $Q$ पर स्थित है। दोनों कण वृत्त पर स्थित किसी बिन्दु $P$ की ओर एक ही समय पर चलना शुरू करते हैं (चित्र देखिए) | दोनों कण शुरू में विरामावस्था में थे और क्रमशः $\overrightarrow{V_1}$ तथा $\overrightarrow{V_2}$ के एकसमान (uniform) वेग से चलते हैं| दोनों कण बिन्दु $P$ पर एक ही समय पर पहुँचते हैं। यदि दोनों के वेगों के बीच का कोण $\theta$ है और $P$ तथा $Q$ केंद्र पर $\phi$ अंतरित कोण बनाते हैं (जैसा कि चित्र में दिखाया गया है), तब