एक $100 \mathrm{~m}$ लम्बे तार का अनुप्रस्थ परिच्छेद का क्षेत्रफल $6.25 \times 10^{-4} \mathrm{~m}^2$ तथा यंग प्रत्यास्थता गुणांक $10^{10} \mathrm{Nm}^{-2}$ है। यदि इस पर लगाया भार $250 \mathrm{~N}$ हो, तब तार की लम्बाई में होने वाली वृद्धि होगी:
$6.25 \times 10^{-3}\,m$
$4 \times 10^{-4}\,m$
$6.25 \times 10^{-6}\,m$
$4 \times 10^{-3}\,m$
दो तार समान पदार्थ के बने हैं और दोनों के आयतन भी समान हैं । पहले तार की अनुप्रस्थ-काट का क्षेत्रफल $A$ और दूसरे तार की अनुप्रस्थ-काट का क्षेत्रफल $3 A$ है । यदि बल $F$ लगाकर पहले तार की लम्बाई में $\Delta l$ की वृद्धि की जाती है, तो दूसरे तार की लम्बाई में भी इतनी ही वृद्धि करने के लिए कितने बल की आवश्यकता होगी ?
$'L'$ लम्बाई एवं ' $r$ ' त्रिज्या वाला कोई तार अपने एक सिरे से दृढ़ता पूर्वक बंधा हुआ है। जब तार का दूसरा सिरा बल $\mathrm{f}$ द्वारा खींचा जाता है, तो इसकी लम्बाई में ' $\ell$ ' वृद्वि हो जाती है। समान पदार्थ से बना ' $2 \mathrm{~L}$ ' लम्बाई एवं ' $2 \mathrm{r}$ ' त्रिज्या वाला तार इसी प्रकार से ' $2 \mathrm{f}$ ' बल द्वारा खींचा जाता है। अब लम्बाई में वृद्धि होगी:
एक तख्ते (Plank) को जिसका यंग प्रत्यास्थता गुणांक $Y$ है, चिकने क्षैतिज तल पर एक नियत क्षैतिज बल $F$ द्वारा चलाया जाता है। तख्ते का अनुप्रस्थ परिच्छेद $A$ है। तख्ते पर बल की दिशा में सम्पीड़न विकृति है
$3.2\,m$ लम्बे स्टील के तार $\left( Y _{ S }=2.0 \times 10^{11}\right.$ $Nm ^{-2}$ ) एवं $4.4\,M$ लम्बे ताँबे के तार $\left( Y _{ C }=1.1 \times 10^{11} Nm ^{-2}\right)$ की त्रिज्याऐं समान $1.4\,mm$ की हैं, इन दोनों तारों के सिरे एक-दूसरे से जुड़े हैं। जब यह किसी लोड के द्वारा खीचें जाते हैं, तो परिणामी प्रसार का मान $1.4\,mm$ है। आरोपित भार (लोड) का मान न्यूटन में होगा : (दिया है : $\pi=\frac{22}{7}$ )
समान लम्बाई और त्रिज्या के दो तारों का पंक्ति बनाते हुए उनके सिरों से जोड़ा और भारित किया गया है। दोनों तारो के यंग प्रत्यास्थता गुणांक $Y_{1}$ और $Y _{2}$ है। यह संयोजन एकल तार की भांति व्यवहार करता है, तब इसका यंग प्रत्यास्थता गुणांक है।