रेडियोधर्मी पदार्थ $A$ के एक नमूने की सक्रियता $10\, mC$ $(1$ $Ci =3.7 \times 10^{10}$ $(deceys/s)$ है। इन नमूने में नाभिकों की संख्या दूसरे रेडियोधर्मी पदार्थ $B$ के नमूने के नाभिकों की दुगनी है। दूसरे नमूने की सक्रियता $20\, mCi$ है। $A$ तथा $B$ की, क्रमशः अर्धआयु के बारे में कौन-सा कथन सत्य है :
$5$ दिन एवं $10$ दिन
$10$ दिन एवं $40$ दिन
$20$ दिन एवं $5$ दिन
$20$ दिन एवं $10$ दिन
$A$ और $B$ पदार्थों के अर्द्ध आयुकाल क्रमश: $20$ मिनट और $40$ मिनट हैं, प्रारम्भ में $A$ और $B$ में नाभिकों की संख्या समान है। $80$ मिनट पश्चात $A$ और $B$ में बचे हुये नाभिकों की संख्या होगी
एक रेडियोसक्रिय तत्व में $10^{10}$ रेडियोसक्रिय नाभिक हैं। इसकी अर्ध-आयु $1$ मिनट है। $30$ सेकन्ड बाद कितने नाभिक बचे रहेगें? $(\sqrt{2}=1.414)$
रेडियोएक्टिव क्षय में उत्सर्जित ऋण आवेशी $\beta$ -कण होते हैं
$\alpha$ कण के उत्सर्जन के साथ रेडॉन $({R_n})$ का पोलोनियम $({P_0})$ में क्षय होता है जिसकी अर्द्ध-आयु $4$ दिन है। एक प्रतिदर्श में ${R_n}$ के $6.4 \times {10^{10}}$ परमाणु हैं। $12$ दिन के बाद इस प्रतिदर्श में ${R_n}$ के बचे हुए परमाणुओं की संख्या होगी
एक रेडियोधर्मी क्षय प्रक्रम में सक्रियता (activity) $A=-\frac{d N}{d t}$ द्वारा परिभाषित की जाती है, जहाँ $N(t), t$ क्षण पर रेडियोधर्मी नाभिकों की संख्या है। क्षण $t=0$ पर दो रेडियोधर्मी स्रोतों $S_1$ तथा $S_2$ की सक्रियता एकसमान है। कुछ समय बाद, $S_1$ तथा $S_2$ की सक्रियतायें क्रमशः $A_1$ तथा $A_2$ हो जाती हैं। जैसे ही $S_1$ तथा $S_2$ क्रमशः अपनी तीसरी ($3$ $\left.3^{\text {rd }}\right)$ तथा सातवीं ( $\left.7^{\text {th }}\right)$ अर्द्ध आयु (half-life) पूरी करते हैं, तब $A_1 / A_2$ का मान. . . . . .है।