एक $R$ त्रिज्या के गोले में समान घनत्व $\rho$ का आवेश वितरित है। यदि इस गोले से $\frac{ R }{2}$ त्रिज्या का एक गोला काटकर चित्रानुसार निकाल दिया जाय तो बचे हुए भाग के कारण बिन्दु ओं $A$ तथा $B$ पर विधुत क्षेत्र (क्रमशः $\overrightarrow{ E }_{ A }$ तथा $\overrightarrow{ E }_{ B }$ ) के मान का अनुपात $\frac{\left|\overrightarrow{ E }_{ A }\right|}{\left|\overrightarrow{ E }_{ B }\right|}$ होगा।
$\frac{18}{54}$
$\frac{21}{34}$
$\frac{17}{54}$
$\frac{18}{34}$
किसी खोखले आवेशित चालक में उसके पृष्ठ पर कोई छिद्र बनाया गया है। यह दर्शाइए कि छिद्र में विध्यूत क्षेत्र $\left(\sigma / 2 \varepsilon_{0}\right) \hat{ n }$ है, जहाँ $\hat{ n }$ अभिलंबवत दिशा में बहिर्मुखी एकांक सदिश है तथा $\sigma$ छिद्र के निकट पृष्ठीय आवेश घनत्व है
त्रिज्या $R$ के गोले के आयतन में विद्युत आवेश का समान वितरण है। इसके केन्द्र से $x$ दूरी पर $x < R$ के लिए, विद्युत क्षेत्र के अनुक्रमानुपाती होगा
रैखिक आवेश घनत्व $\lambda$ वाला एक लंबा आवेशित बेलन एक खोखले समाक्षीय चालक बेलन द्वारा घिरा है। दोनों बेलनों के बीच के स्थान में विध्यूत क्षेत्र कितना है?
दो बड़ी, पतली धातु की प्लेटें एक-दूसरे के समानांतर एवं निकट हैं। इनके भीतरी फलकों पर, प्लेटों के पृष्ठीय आवेश घनत्वों के चिह्न विपरीत हैं तथा इनका परिमाण $17.0 \times 10^{-22} C /$ $m ^{2}$ है।
$(a)$ पहली प्लेट के बाह्य क्षेत्र में, $(b)$ दूसरी प्लेट के बाह्हा क्षेत्र में, तथा $(c)$ प्लेटों के बीच में विद्र
यदि पृथक्कृत कुचालक गोले की त्रिज्या $R$ तथा आवेश घनत्व $\rho $ है। गोले के केन्द्र से $r$ दूरी $(r\; < \;R)$ पर विद्युत क्षेत्र होगा