किसी $\theta \in\left(0, \frac{\pi}{2}\right)$ के लिए, यदि अतिपरवलय $x^{2}-y^{2} \sec ^{2} \theta=$ 10 को उत्केन्द्रता, दीर्घवृत्त, $x ^{2} \sec ^{2} \theta+ y ^{2}=5$ की उत्केन्द्रता का $\sqrt{5}$ गुणा है, तो दीर्घवृत्त की नाभिलम्ब जीवा की लम्बाई बराबर है -
$\sqrt{30}$
$\frac{4 \sqrt{5}}{3}$
$2 \sqrt{6}$
$\frac{2 \sqrt{5}}{3}$
यदि दीर्घवृत्त का नाभिलम्ब उसकी लघु अक्ष के आधे के बराबर हो, तो उसकी उत्केन्द्रता है
$c$ के उन मानों की संख्या, जिनके लिये सरल रेखा $y = 4x + c$ वक्र $\frac{{{x^2}}}{4} + {y^2} = 1$ को स्पर्श करती है, है
दीर्वृघत $\frac{x^{2}}{16}+\frac{y^{2}}{9}=1$ को नाभियो से होकर जाने वाले उस वृत, जिसका केन्द्र $(0,3)$ है, का समीकरण है,
यदि रेखा, $x -2 y =12$ दीर्घवृत्त, $\frac{ x ^{2}}{ a ^{2}}+\frac{ y ^{2}}{ b ^{2}}=1$ को बिन्दु $\left(3, \frac{-9}{2}\right)$ पर स्पर्श करती है, तो इसके नाभिलम्ब की लम्बाई है
माना रेखा $y = mx$ तथा दीर्घवृत $2 x ^{2}+ y ^{2}=1$, प्रथम चतुर्थांश में स्थित एक बिंदु $P$ पर काटते हैं। यदि इस दीर्घवृत्त का $P$ पर अभिलंब, निर्देशांक अक्षों को क्रमशः $\left(-\frac{1}{3 \sqrt{2}}, 0\right)$ तथा $(0, \beta)$ पर मिलता है, तो $\beta$ का मान है