नीचे दो कथन दिए गए हैं :
कथन $-I$ :
रेडियोऐक्टिव क्षयता का नियम कहता है कि प्रति इकाई समय क्षय होने वाले नाभिकों की संख्या, नमूने के कुल नाभिकों की संख्या के व्युक्कमानुपाती होती है।
कथन $-II$ :
सभी नाभिकों के कुल जीवन काल के योग को, समय $t=0$ पर उपलब्य नाभिकों की संख्या से भाग देने पर रेडियोऐक्टिव पदार्थ की अर्द्धायु प्राप्त होती है।
उपरोक्त कथनों के आधार पर, नीचे दिए गए विकत्पों में से सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर चुनें।
कथन $-I$ एवं कथन $-II$ दोनों सही हैं।
कथन $-I$ एवं कथन $-II$ दोनों गलत हैं।
कथन $-I$ सही है किन्तु कथन $-II$ गलत है।
कथन $-I$ गलत है किन्तु कथन $-II$ सही है।
एक रेडियोएक्टिव समस्थानिक $X$ की अर्द्ध-आयु $1.4 \times 10^{9}$ वर्ष है। यह क्षयित होकर $Y$ में रूपान्तरित हो जाता है जो स्थायी है। किसी गुफा की एक चट्टान में $X$ तथा $Y$ का अनुपात $1: 7$ पाया गया तो, इस चट्टान की आयु ...... $ \times 10^9$ वर्ष होगी
एक रेडियोसक्रिय विघटन श्रृंखला $_{93}N{p^{237}}$ से शुरू होकर उत्तरोत्तर उत्सर्जन द्वारा $_{90}T{h^{229}}$ को उत्पन्न करती है। इस प्रक्रिया में उत्सर्जित कण हो सकते हैं
एक रेडियोएक्टिव पदार्थ की एक्टिविटि $R _{1}$ समय $t _{1}$ पर है तथा $R _{2}$ समय $t _{2}$ पर है। यदि विघटन नियतांक $\lambda$ हो तो
रेडियों सक्रियता के संगत निम्न कथन दिए गए हैं:
$(A)$ रेडियो सक्रियता एक यादृच्छिक तथा स्वत: घटना है जो कि भौतिक तथा रासायनिक परिस्थितियों पर निर्भर करती है।
$(B)$ रेडियो सक्रिय प्रतिदर्श में अविघटित नाभिको की संख्या समय के साथ चरघातांकी रुप से विघटित होती है।
$(C)$ $\log _e$ (अविघटित नाभिकों की संख्या) तथा माध्य समय के मध्य आरेख की ढाल, माध्य आयुकाल $(\tau)$ को दर्शाती है।
$(D)$ क्षय नियतांक $\lambda$ तथा अर्द्धआयुकाल $\left( T _{1 / 2}\right)$ का गुणनफल नियत नहीं रहता है।
सही विकल्प चुनिऐ :-
एक रेडियोसक्रिय पदार्थ की सक्रियता $9$ वर्ष पश्चात् अपनी प्रारम्भिक सक्रियता ${R_0}$ की एक तिहाई रह जाती है अगले $9$ वर्ष बाद इसकी सक्रियता हो जायेगी