यदि ${ }^{27} Al$ की नाभिकीय त्रिज्या $3.6$ फर्मी हो तो ${ }^{64} Cu$ की लगभग नाभिकीय त्रिज्या होगी: (फर्मी में)
$2.4 $
$1.2 $
$4.8$
$3.6$
$^{12}C$ परमाणु की तुलना में, $^{14}C$ परमाणु में
नाभिकीय बल प्रभावी होने के लिए दूरी की कोटि है
$189$ द्रव्यमान संख्या वाला एक नाभिक, $125$ एवं $64$ द्रव्यमान संख्याओं वाले दो नाभिकों में टूटता है। दोनों नए नाभिकों की क्रमशः त्रिज्याओं का अनुपात है :
$(a)$ लीथियम के दो स्थायी समस्थानिकों ${ }_{3}^{6} Li$ एवं ${ }_{3}^{7} Li$ की बहुलता का प्रतिशत क्रमशः $7.5$ एवं $92.5$ हैं। इन समस्थानिकों के द्रव्यमान क्रमश: $6.01512\, u$ एवं $7.01600 \,u$ हैं। लीथियम का परमाणु द्रव्यमान ज्ञात कीजिए।
$(b)$ बोरॉन के दो स्थायी समस्थानिक ${ }_{5}^{10} B$ एवं ${ }_{5}^{11} B$ है। उनके द्रव्यमान क्रमशः $10.01294\, u$ एवं $11.00931\, u$ एवं बोरॉन का परमाणु भार $10.811\, u$ है। ${ }_{5}^{10} B$ एव ${ }_{5}^{11} B$ की बहुलता ज्ञात कीजिए।
द्रव्यमान संख्या $A$ के एक नाभिक की त्रिज्या $R$ का अनुमान $R =\left(1.3 \times 10^{-15}\right)\, A ^{1 / 3} \,m$ सूत्र से लगाया जा सकता है। तब एक नाभिक के द्रव्यमान घनत्व की परिमाण कोटि (order of magnitude) होगी : (प्रोटान का द्रव्यमान $\cong$ न्यूट्रॉन का द्रव्यमान $\left.\simeq 1.67 \times 10^{-27} \,kg \right)$