एक रेडियोएक्टिव पदार्थ की एक्टिविटि $R _{1}$ समय $t _{1}$ पर है तथा $R _{2}$ समय $t _{2}$ पर है। यदि विघटन नियतांक $\lambda$ हो तो
$R_1=R_2$
$R_1=R_2 {e^{ - \lambda \left( {t_1- t_2} \right)}}$
$R_1=R_2{e^{\lambda \left( {t_1 - t_2} \right)}}$
$R_1=R_2 \left( {\frac{{t_1}}{{t_2}}} \right)$
किसी रेडियोऐक्टिव पदार्थ की अर्ध-आयु $10$ मिनट है । यदि आरम्भ में नाभिकों की संख्या $600$ है, तो $450$ नाभिकों के विघटित होने में लगने वाला समय (मिनट में) है
एक रेडियो एक्टिव नाभिक का क्षय दो विभिन्न प्रक्रम में होता है। प्रथम प्रक्रम की अर्द्ध आयु $5$ मिनट तथा दूसरे प्रक्रम की अर्द्धआयु $30$ से. है। नाभिक की प्रभावी अर्द्धआयु की गणना $\frac{\alpha}{11}$ से. की गयी है। $\alpha$ का मान______________ है।
एक रेडियाऐक्टिव समस्थानिक की अर्धायु $T$ वर्ष है। कितने समय के बाद इसकी ऐक्टिवता प्रारंभिक ऐक्टिवता की $(a)$ $3.125 \%$ तथा $(b)$ $1 \%$ रह जाएगी।
किसी पदार्थ में $16$ ग्राम रेडियोएक्टिव पदार्थ है जिसकी अर्द्ध-आयु $2$ दिन है। $32$ दिनों के पश्चात् पदार्थ में रेडियोएक्टिव पदार्थ की मात्रा होगी
रेडियम की अर्द्ध-आयु $77$ दिन है। इसका क्षय नियतांक (दिन में) में होगा