माना वत्त $x ^{2}+ y ^{2}+ ax +2 ay + c =0,( a <0)$ द्वारा $x$-अक्ष तथा $y$-अक्ष पर बनाये गये अंतःखंडों की लम्बाईयोँ क्रमशः $2 \sqrt{2}$ तथा $2 \sqrt{5}$ हैं। तो इस वत्त की एक स्पर्श रेखा, जो रेखा $x +2 y =0$ के लम्बवत है, की मूलबिंदु से न्यूनतम दूरी बराबर है
$\sqrt{11}$
$\sqrt{7}$
$\sqrt{6}$
$\sqrt{10}$
एक बिंदु $P$ से वत्त $x ^{2}+ y ^{2}-2 x -4 y +4=0$ पर दो स्पर्श रेखाएँ खींची गई हैं। इन स्पर्श रेखाओं के बीच का कोण $\tan ^{-1}\left(\frac{12}{5}\right)$ है, जहाँ $\tan ^{-1}\left(\frac{12}{5}\right) \in$ $(0, \pi)$ है। यदि वत्त का केन्द्र $C$ है तथा ये स्पर्श रेखाएँ वत्त को बिंदुओं $A$ तथा $B$ पर स्पर्श करती है, तो $\triangle PAB$ तथा $\triangle CAB$ के क्षेत्रफलों का अनुपात है
वृत्त ${x^2} + {y^2} = {a^2}$ की स्पर्श रेखा का समीकरण जो कि सरल रेखा $y = mx + c$ के लम्बवत् है, होगा
वृत्तों ${x^2} + {y^2} - x + y - 8 = 0$ व ${x^2} + {y^2} + 2x + 2y - 11 = 0,$ के बीच का कोण है
माना $r$ त्रिज्या के वृत्त के व्यास $PR$ के सिरों पर स्पर्श रेखायें $PQ$ तथा $RS$ हैं। यदि $PS$ तथा $RQ$, वृत्त की परिधि के बिन्दु $X$ पर प्रतिच्छेदित हो, तो $2r$ बराबर है
बिन्दु $(0,1)$ से होकर जाने वाले तथा परवलय $y = x ^{2}$ को बिन्दु $(2,4)$ पर स्पर्श करने वाले वृत का केन्द्र है