एक अतिपरवलय $4 x^{2}-y^{2}=36$ के बिंदुओ $P$ तथा $Q$ पर स्यर्श रेखाएँ खींची जाती है। यदि यह स्पर्शरखाएँ बिंदु $T(0,3)$ पर काटती हैं, तो $\Delta P T Q$ का क्षेत्रफल (वर्ग इकाइयों में) है
$54\sqrt 3 $
$60\sqrt 3 $
$36\sqrt 5 $
$45$$\sqrt 5 $
माना दीर्घवृत्त $\frac{x^2}{16}+\frac{y^2}{7}=1$ तथा अतिपरवलय $\frac{x^2}{144}-\frac{y^2}{\alpha}=\frac{1}{25}$ की नाभियाँ सम्पाती हैं। तो अतिपरवलय के नाभिलंब जीवा की लंबाई है :
अतिपरवलय $xy = a\,(a \ne 0)$ के बिन्दु $(a, 1)$ पर खींची गयी स्पर्श की प्रवणता (slope) होगी
अतिपरवलय जिसकी नाभियाँ $(6, 4)$ तथा $(-4, 4)$ हैं तथा उत्केन्द्रता $2$ हो, का समीकरण है
उस अतिपरवलय का समीकरण जिसकी अक्ष, निर्देशाक्षों के सापेक्ष हों एवं जिसकी नाभियों के बीच की दूरी $16$ तथा उत्केन्द्रता $\sqrt 2 $ हो, है
यदि किसी अतिपरवलय की नाभि तथा शीर्ष $(0,\; \pm 4)$ तथा $(0,\; \pm 2)$ हों, तो उसका समीकरण होगा