दीर्घवृत्त $\mathrm{E}: \frac{\mathrm{x}^2}{\mathrm{a}^2}+\frac{\mathrm{y}^2}{\mathrm{~b}^2}=1$ की नियता $\mathrm{x}=8$ है तथा संगत नाभि $(2,0)$ है। यदि प्रथम चतुर्थांश में $\mathrm{E}$ के बिन्दु $\mathrm{P}$ पर स्पर्श रेखा, बिन्दु $(0,4 \sqrt{3})$ से होकर जाती है तथा $\mathrm{x}$-अक्ष को $\mathrm{Q}$ पर काटती है, तो $(3 \mathrm{PQ})^2$ बराबर है _______________

  • [JEE MAIN 2023]
  • A

    $38$

  • B

    $39$

  • C

    $35$

  • D

    $36$

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दीर्घवृत्त $\frac{{{x^2}}}{{{a^2}}} + \frac{{{y^2}}}{{{b^2}}} = 1$ के व्यास $y = \frac{b}{a}x$ के संयुग्मी व्यास का समीकरण है

एक दीर्घवृत्त, जिसका केन्द्र मूल बिन्दु पर है, की उत्केन्द्रता $\frac{1}{2}$ है। यदि उसकी एक नियता $x=-4$ है, तो उसके बिंदु $\left(1, \frac{3}{2}\right)$ पर उसके अभिलंब का समीकरण है:

  • [JEE MAIN 2017]

दीर्घवृत्त $9 x^{2}+4 y^{2}=36$ के नाभियों और शीर्षों के निर्देशांक, दीर्घ और लघु अक्ष की लंबाइयाँ, और उत्केंद्रता ज्ञात कीजिए।

आयत $R$ जिसकी भुजायें निर्देशांक अक्षों के समान्तर है के अन्दर दीर्घवत्त $E_1: \frac{x^2}{9}+\frac{y^2}{4}=1$ को उत्कीर्णित (inscribe) किया गया है। एक अन्य दीर्घवत्त $E _2$ जो बिन्दु $(0,4)$ से गुजरता है और आयत $R$ को परिगत (circumscribe) करता है, की उत्केन्द्रता (eccentricity) निम्न है

  • [IIT 2012]

मान्रा दीर्घवृत्त $\mathrm{E}: \mathrm{x}^2+9 \mathrm{y}^2=9$ धनात्मक $\mathrm{x}$ तथा $\mathrm{y}$ अक्षों को क्रमशः बिंदुओं $\mathrm{A}$ तथा $\mathrm{B}$ पर काटता है। माना $E$ का दीर्घ अक्ष, वृत्त $C$ का एक व्यास है। माना बिंदुओं $\mathrm{A}$ तथा $\mathrm{B}$ से होकर जाने वाली रेखा, वृत्त $\mathrm{C}$ को बिंदु $\mathrm{P}$ पर मिलती है। यदि, त्रिभुज जिसके शीर्ष $A, P$ तथा मूल बिंदु $O$ हैं, का क्षेत्रफल $\frac{m}{n}$ है, जहाँ $\mathrm{m}$ तथा $\mathrm{n}$ असहभाज्य हैं, तो $\mathrm{m}-\mathrm{n}$ बराबर है

  • [JEE MAIN 2023]