उस सरल लोलक की लंबाई क्या है, जो हर सेकंड के बाद टिक करता है ?
the time period of a simple pendulum is given by,
$T=2 \pi \sqrt{\frac{L}{g}}$
From this relation one gets,
$L=\frac{g T^{2}}{4 \pi^{2}}$
The time period of a simple pendulum, which ticks seconds, is $2\, s$. Therefore, for $g=9.8 \,m s ^{-2}$ and $T=2 s , L$ is
$=\frac{9.8\left( m s ^{-2}\right) \times 4\left( s ^{2}\right)}{4 \pi^{2}}$
$=1 \,m$
एक सैकण्ड लोलक रॉकेट में रखा हुआ है। इसके दोलनों का आवर्तकाल घटता जायेगा यदि रॉकेट
चंद्रमा के पृष्ठ पर गुरुत्वीय त्वरण $1.7\, m s ^{-2}$ है । यदि किसी सरल लोलक का पृथ्वी के पृष्ठ पर आवर्तकाल $3.5\, s$ है, तो उसका चंद्रमा के पृष्ठ पर आवर्तकाल कितना होगा ? (पृथ्वी के पृष्ठ पर $\left.g=9.8\, m\, s ^{-2}\right)$
यदि एक सरल लोलक में गोलक का द्रव्यमान इसके मूल द्रव्यमान के तीन गुने तक बढ़ा दिया ज़ाता है तथा इसकी प्रारम्भिक लंबाई आधी कर दी जाये, तो दोलेन का नया आवर्तकाल प्रारम्भिक आवर्तकाल का $\frac{x}{2}$ गुना हो जाता है। तब $x$ का मान है:
$L$ लम्बाई के सरल लोलक का $\frac{g}{3}$ त्वरण से नीचे जाती हुयी लिफ्ट में दोलन काल होगा
$0.5$ मी. तथा $2.0$ मी. लम्बाई के दो सरल लोलकों को एक ही दिशा में एक साथ अल्प रेखीय विस्थापन दिया जाता है। वे पुन: समान कला में तब होंगे जब छोटा लोलक दोलन पूरे कर लेगा